
कासिम अली की गिरफ्तारी: पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित युवक का पर्दाफाश, एटीएस की बड़ी कार्रवाई
कासिम अली की गिरफ्तारी: पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित युवक का पर्दाफाश, एटीएस की बड़ी कार्रवाई
कासिम अली की गिरफ्तारी: उत्तर प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित युवक कासिम अली को गिरफ्तार किया। वह “मुजाहिदीन आर्मी” बनाकर सोशल मीडिया पर लोगों को भड़का रहा था। गिरफ्तारी के बाद गाँव में दहशत और परिवार पर सामाजिक दूरी का माहौल।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल करते हुए पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठनों से प्रभावित एक युवक कासिम अली को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि कासिम भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने की साजिश रच रहा था और लोगों को उकसाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहा था।
कैसे सामने आया मामला?
सूत्रों के मुताबिक, कासिम अली ने “मुजाहिदीन आर्मी” नामक संगठन खड़ा किया था। इस संगठन के ज़रिए वह वीडियो और ऑडियो संदेश बनाकर युवाओं को भड़काने का काम करता था। इन सामग्रियों में भारत विरोधी विचारधाराओं को बढ़ावा दिया जाता था। एटीएस ने लगातार उस पर नजर रखी और जैसे ही उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, कार्रवाई शुरू कर दी।
कासिम अली की गिरफ्तारी: एटीएस की छापेमारी और गिरफ्तारी
एटीएस की टीम ने खजुरिया थाना क्षेत्र के गाँव सराय कदीम में छापा मारा। इस दौरान कासिम को हिरासत में लेकर लखनऊ ले जाया गया। सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद भी उसके गाँव और करीबियों पर खुफिया नजर बनाए रखी गई है, ताकि किसी और व्यक्ति की संलिप्तता का पता लगाया जा सके।
गाँव में फैली दहशत
गाँव सराय कदीम में कासिम की गिरफ्तारी के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। लोग अब उसके परिवार से दूरी बनाने लगे हैं। समाज में उसकी पहचान धूमिल हो गई है और उसके परिवार को अलग-थलग महसूस कराया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके गाँव का कोई युवक इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकता है।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी
यह घटना साफ तौर पर दिखाती है कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर युवाओं को कैसे गुमराह किया जा सकता है। पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन लगातार भारत विरोधी एजेंडा चलाने में लगे हुए हैं और ऐसे तत्वों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
कासिम अली की गिरफ्तारी: निष्कर्ष
कासिम अली की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह संदेश है कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना समाज को भी सतर्क करती है कि अगर आसपास किसी की गतिविधियां संदिग्ध लगें, तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचना दें।
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