कोलकाता में संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन 2025: सैन्य सुधार, थिएटराइजेशन और भविष्य की तैयारियों पर होगा फोकस
कोलकाता में संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन 2025: सैन्य सुधार, थिएटराइजेशन और भविष्य की तैयारियों पर होगा फोकस
कोलकाता में 15 सितंबर से शुरू होने वाले संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन (CCC-2025) सैन्य सुधारों, थिएटराइजेशन, तकनीकी आधुनिकीकरण और परिचालन तैयारियों पर केंद्रित होगा। पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे।
कोलकाता, 10 सितंबर। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आगामी सप्ताह कोलकाता में आयोजित होने वाला संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन (CCC-2025) भारतीय सशस्त्र बलों के सैन्य सुधार, परिवर्तन और भविष्य की परिचालन तैयारियों पर केंद्रित होगा। तीन दिवसीय इस सम्मेलन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस बार का विषय है – “सुधारों का वर्ष — भविष्य के लिए परिवर्तन”। इसका उद्देश्य भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना को तेजी से बदलते भू-रणनीतिक परिदृश्य में और अधिक चुस्त, सक्षम और प्रभावी बनाना है।
सुधार और तकनीकी आधुनिकीकरण पर चर्चा
सम्मेलन में थिएटराइजेशन, तकनीकी आधुनिकीकरण, गहन एकीकरण और संस्थागत सुधारों पर विशेष चर्चा होगी। मंत्रालय ने कहा कि इन पहलों से सशस्त्र बलों की बहु-क्षेत्रीय परिचालन तत्परता को और मज़बूती मिलेगी।
कोलकाता में संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन: थिएटराइजेशन पर मतभेद और सहमति की कोशिश
यह सम्मेलन उस समय हो रहा है जब थिएटराइजेशन—एक लंबे समय से प्रतीक्षित सैन्य सुधार—को लेकर तीनों सेनाओं में अलग-अलग दृष्टिकोण सामने आए हैं। हाल ही में महू में आयोजित ‘रण संवाद’ त्रि-सेवा सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मतभेदों के बावजूद, विभिन्न दृष्टिकोणों को बिना किसी तनाव के सुना जा रहा है और अंततः सहमति बन जाएगी।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने थिएटराइजेशन को “अंतिम लक्ष्य” बताया, जबकि वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों को किसी भी दबाव में वैश्विक मॉडल अपनाने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि भारतीय संदर्भ में उपयुक्त संरचना विकसित करनी चाहिए।
कोलकाता में संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन: ऑपरेशन सिंदूर और हाल की चुनौतियाँ
सीसीसी-2025 ऐसे समय आयोजित हो रहा है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल हमले कर अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया। 7 मई को शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय बलों ने नौ आतंकी शिविरों और 13 पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए।
जनरल चौहान ने इसे “आधुनिक संघर्ष” बताते हुए कहा था कि इस ऑपरेशन से भारत ने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं और उनमें से कई पर पहले से अमल भी हो रहा है।
समावेशी चर्चा और भागीदारी
सम्मेलन में तीनों सेनाओं के विभिन्न रैंकों के अधिकारी भी शामिल होंगे। संवादात्मक सत्रों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक सभी दृष्टिकोणों को महत्व मिले।
