
क्वाड की सख्त चेतावनी: पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को जल्द मिले सज़ा
क्वाड की सख्त चेतावनी: पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को जल्द मिले सज़ा
क्वाड की सख्त चेतावनी: क्वाड देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को तुरंत सज़ा दिलाने की मांग की। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और UN सदस्यों से समर्थन की अपील की।
क्वाड ने पहलगाम हमले पर जताई कड़ी प्रतिक्रिया, दोषियों को जल्द सज़ा दिलाने की मांग। क्वाड देशों के समूह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसके पीछे शामिल अपराधियों, साजिशकर्ताओं और आर्थिक सहायता देने वालों को शीघ्र न्याय के दायरे में लाने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का अनुरोध किया है।
इस चार देशों वाले गठबंधन ने एक स्वतंत्र, खुला और बल प्रयोग से मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की एकतरफा हिंसक कार्रवाई या जबरदस्ती की नीति का कड़ा विरोध किया। यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुई इस अहम बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने हिस्सा लिया। बैठक का उद्देश्य इस वर्ष भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए रणनीति और कार्ययोजना तैयार करना था।
क्वाड की सख्त चेतावनी: बैठक के दौरान सभी नेताओं ने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की वकालत की।
हालांकि, जारी किए गए संयुक्त बयान में न तो पाकिस्तान का नाम लिया गया और न ही मई में भारत-पाक के बीच हुई सैन्य झड़पों का उल्लेख किया गया।
क्वाड नेताओं ने कहा, “हम इस भयावह घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम सभी अपराधियों, योजनाकारों और धन उपलब्ध कराने वालों को बिना देर किए न्याय के कठघरे में लाने की मांग करते हैं। साथ ही, हम सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से अपील करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अंतर्गत इस दिशा में पूर्ण सहयोग करें।”