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जम्मूकश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ का खतरा, सुरक्षा बलों की तैयारियां तेज

जम्मूकश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ का खतरा, सुरक्षा बलों की तैयारियां तेज

जम्मूकश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ: जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं पर खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को अलर्ट किया। जानें कैसे सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। घुसपैठ की कोशिशें बढ़ने की आशंका, खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को किया सतर्क। खुफिया एजेंसियों ने इस मौसम में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की घटनाओं में वृद्धि की आशंका जताई है। एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को सचेत करते हुए गुप्त आपूर्ति ठिकानों और संभावित आश्रय स्थलों की तलाश तेज करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का मानना है कि मौसम की अनुकूलता के चलते आतंकवादी समूह सक्रिय हो सकते हैं, और सीमा पर सुरक्षा चुनौती बढ़ सकती है।

छोटे समूहों से घुसपैठ का प्रयास

सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों को पहले ही चेतावनी दी थी कि आतंकवादी बड़े समूहों के बजाय छोटे-छोटे समूहों में (2 से 6 आतंकवादियों) भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी संगठन स्थानीय आतंकवादियों का उपयोग किए बिना ऑन-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के माध्यम से हमलों को अंजाम देने की रणनीति अपना रहे हैं। इन वर्कर्स का उपयोग न केवल मार्गदर्शन के लिए किया जा रहा है, बल्कि उन्हें सुरक्षित आश्रय और आपूर्ति भी प्रदान की जा रही है।

जम्मूकश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ का खतरा: संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई

कठुआ, सांबा, पंजाब और राजौरी जैसे इलाकों को विशेष रूप से संवेदनशील माना जा रहा है। बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन क्षेत्रों में गश्त तेज कर दी गई है। सीसीटीवी और अन्य निगरानी उपकरणों की जांच की गई है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, ग्राम रक्षा गार्ड्स (वीडीजी) को भी सतर्क रहने और संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने को कहा गया है, विशेष रूप से सीमा से लगे गांवों में।

ड्रोन की बढ़ती गतिविधियां

सूत्रों के अनुसार, इस साल ड्रोन गतिविधियों में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए हथियार और गोला-बारूद भेजने की कोशिश कर रहे हैं। इस साल, बीएसएफ ने पंजाब सीमा पर लगभग 270 ड्रोन मार गिराए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना और 2021 की तुलना में 1,300 प्रतिशत अधिक है।

हालांकि ड्रोन से तस्करी किए गए मादक पदार्थों की बरामदगी में कमी आई है, लेकिन हथियारों की संख्या में वृद्धि हुई है। अधिकारियों का मानना है कि यह इस बात का संकेत है कि ड्रोन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्य रूप से हथियार पहुंचाने में किया जा रहा है।

हथियारों की बरामदगी में वृद्धि

बीएसएफ द्वारा हथियारों की बरामदगी के आंकड़े इस साल के सितंबर महीने तक 307 तक पहुंच गए हैं, जो पिछले साल के 272 के आंकड़े से कहीं अधिक है। इसमें राइफलों और बंदूकों की बरामदगी में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

जम्मूकश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ का खतरा: सुरक्षा बलों के सामने चुनौती

ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि और घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं ने इस मौसम को सुरक्षा बलों के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया है। खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के बीच तालमेल के साथ अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा स्थिति में सीमावर्ती इलाकों में स्थायी निगरानी और तकनीकी साधनों का अधिक उपयोग आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने में सहायक हो सकता है।

निष्कर्ष

जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों में आतंकवादी संगठनों की बढ़ती गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती हैं। सरकार और सुरक्षा बलों को घुसपैठ रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने की आवश्यकता है। सीमा पर ड्रोन गतिविधियों और अन्य संभावित खतरों का मुकाबला करने के लिए सतर्कता और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करना अनिवार्य हो गया है।

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