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झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में मुठभेड़ में 5 माओवादी मारे गए

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में मुठभेड़ में 5 माओवादी मारे गए।

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 5 माओवादी मारे गए। मुठभेड़ में बरामद हुए शवों में 2 महिलाएं शामिल हैं। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 5 माओवादी मारे गए।

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में एक और माओवादी का शव बरामद होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।

झारखंड की राजधानी रांची से करीब 200 किलोमीटर दूर गुआ पुलिस स्टेशन की सीमा के अंदर लिपुंगा के पास सुबह करीब 5 बजे मुठभेड़ हुई।

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में मुठभेड़: झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी (ऑपरेशन) अमोल वी होमकर ने पीटीआई को बताया, “अब तक दो महिलाओं समेत पांच माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। इसके अलावा दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।”

होमकर ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान एक इंसास राइफल, दो एसएलआर, तीन (.303) राइफल और एक (9 एमएम) पिस्तौल बरामद की गई।

होमकर ने मृतक माओवादियों की पहचान चाईबासा के थलकोबाद के जोनल कमांडर कांडे होनहागा के रूप में की है, जिसके सिर पर इनाम था।

छत्तीसगढ़ के जैगुर थाना क्षेत्र के सब-जोनल कमांडर सिंगराई उर्फ ​​मनोज, एरिया कमांडर सूर्या उर्फ ​​मुंडा देवगम और महिला कैडर जंगा पूर्ति उर्फ ​​मारला और सपनी हंसदा।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सिंगराई पर 10 लाख रुपये, कांडे पर 5 लाख रुपये और सूर्या पर 2 लाख रुपये का इनाम था। आईजी ने पुष्टि की कि होमकर ने कहा कि सिंगराई और कांडे आईईडी बिछाने में माहिर थे।

उन्होंने कहा कि पकड़े गए माओवादियों की पहचान एरिया कमांडर पांडू हंसदा और बत्री देवगम के रूप में हुई है।

होमकर के अनुसार, पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि सीपीआई (माओवादी) पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा और अनमोल के दस्ते के अजय महतो, कांडे और सिंगराई समेत कुछ माओवादी हमला करने के लिए लिपुंगा जंगलों के पास इकट्ठे हुए हैं।

इस सूचना के आधार पर चाईबासा पुलिस, कोबरा 209, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ ने मिलकर सर्च ऑपरेशन चलाया। सुबह करीब पांच बजे जैसे ही सर्च स्क्वॉड इलाके में पहुंचा, माओवादियों ने हमला कर दिया।

सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की। होमकर के मुताबिक, मुठभेड़ करीब साठ मिनट तक चली। बाद में सुरक्षा बलों ने इलाके की गहन तलाशी ली और चार शवों के साथ आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद बरामद किया।

उन्होंने बताया, “भागने की कोशिश कर रहे दो माओवादियों को सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया।” होमकर ने बताया कि कोल्हान और सारंडा को राज्य में माओवादियों का अंतिम गढ़ माना जाता है।

उन्होंने बताया, “सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों के कारण माओवादियों की मौजूदगी कुछ ही स्थानों तक सीमित रह गई है।”

“पुलिस ने बुढ़ा पहाड़, चतरा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, रांची और पारसनाथ जैसे प्रमुख गढ़ों में उनकी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया है।”

होमकर ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए माओवादियों से राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया।

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