प्रधानमंत्री मोदी नहीं जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासभा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
प्रधानमंत्री मोदी नहीं जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासभा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
प्रधानमंत्री मोदी नहीं जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासभा: प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा 2025 में शामिल नहीं होंगे। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे और 27 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे। जानिए पूरी खबर और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वाँ उच्च-स्तरीय वार्षिक सत्र इस महीने न्यूयॉर्क में शुरू होने जा रहा है। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। उनकी जगह भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर करेंगे। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी संशोधित वक्ताओं की सूची के अनुसार, जयशंकर 27 सितंबर को भारत की ओर से महासभा को संबोधित करेंगे।
जुलाई में जारी पिछली सूची में यह उल्लेख था कि प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर को इस सत्र को संबोधित करेंगे। लेकिन अब कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। 23 से 29 सितंबर तक चलने वाले इस उच्च-स्तरीय सत्र में विश्व के कई बड़े नेता शामिल होंगे। परंपरा के अनुसार, सत्र की शुरुआत ब्राज़ील से होगी, उसके बाद अमेरिका अपने विचार रखेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का संबोधन: प्रधानमंत्री मोदी नहीं जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासभा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 23 सितंबर को इस मंच से संबोधन देंगे। यह उनके दूसरे कार्यकाल का संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहला संबोधन होगा। वहीं, 26 सितंबर को इज़राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के शीर्ष नेता इस मंच से अपने विचार रखेंगे।
इस वर्ष का सत्र कई अहम वैश्विक चुनौतियों के बीच हो रहा है। एक ओर इज़राइल-हमास युद्ध जारी है, तो दूसरी ओर रूस-यूक्रेन संघर्ष भी शांत नहीं हुआ है। ऐसे समय में भारत का दृष्टिकोण और विदेश मंत्री जयशंकर का संबोधन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
80वें सत्र का विषय है – “एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी आगे”। यह सत्र संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन पर विशेष शिखर सम्मेलन, लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण पर बैठक, तथा परमाणु हथियारों के उन्मूलन पर चर्चा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
भारत के लिए अवसर
भारत के लिए यह अवसर न केवल वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने का है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने का भी है कि भारत शांति, स्थिरता और सतत विकास की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का शामिल न होना और जयशंकर का प्रतिनिधित्व करना यह दर्शाता है कि भारत की कूटनीतिक टीम लगातार विश्व स्तर पर सक्रिय है और हर मुद्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है।
