दिल्ली कार विस्फोट में नया खुलासा: डॉक्टरों के बीच पैसों के विवाद से टूटी आतंकी साजिश, 8 संदिग्धों ने रची थी चार शहरों में धमाकों की योजना
दिल्ली कार विस्फोट में नया खुलासा: डॉक्टरों के बीच पैसों के विवाद से टूटी आतंकी साजिश, 8 संदिग्धों ने रची थी चार शहरों में धमाकों की योजना
दिल्ली कार विस्फोट मामले में बड़ा खुलासा — 8 आतंकियों ने चार शहरों में सिलसिलेवार धमाकों की योजना बनाई थी। जांच में सामने आया कि डॉक्टरों के बीच पैसों का विवाद इस साजिश के टूटने की वजह बना। एनआईए ने शुरू की गहन जांच।
दिल्ली कार विस्फोट मामले में जांच एजेंसियों ने चौंकाने वाले नए खुलासे किए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस आतंकी साजिश में शामिल 8 संदिग्धों ने भारत के चार बड़े शहरों में सिलसिलेवार विस्फोट करने की योजना बनाई थी। उनका मकसद देश के अलग-अलग हिस्सों में दहशत फैलाना था।
दिल्ली कार विस्फोट में नया खुलासा: चार शहरों में जाकर आईईडी लगाने की तैयारी थी
सूत्रों ने बताया कि इन संदिग्धों ने दो-दो के समूहों में चार शहरों में जाकर आईईडी लगाने की तैयारी की थी। प्रत्येक समूह के पास कई विस्फोटक उपकरण मौजूद थे। जांच में सामने आया कि डॉ. मुज़म्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन इस नेटवर्क के प्रमुख थे। उन्होंने करीब 20 लाख रुपये नकद जुटाए, जिन्हें दिल्ली विस्फोट से पहले उमर को सौंपा गया था।
जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से 20 क्विंटल से अधिक एनपीके उर्वरक खरीदा, जिसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपये थी। यही उर्वरक आईईडी बनाने में इस्तेमाल होना था।
लेकिन इस पूरे ऑपरेशन में एक आंतरिक विवाद ने आतंकियों की साजिश को कमजोर कर दिया। डॉ. मुज़म्मिल और उमर के बीच पैसों के बंटवारे को लेकर मतभेद बढ़ गए थे। बताया जा रहा है कि उमर ने “सिग्नल ऐप” पर 2 से 4 सदस्यों वाला एक सीक्रेट ग्रुप बनाया था, जिसमें आगे की योजनाओं पर चर्चा होती थी।
जांच एजेंसियां अब इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि क्या धमाकों के लिए अलग-अलग वाहनों में विस्फोटक रखने की तैयारी की जा रही थी। सूत्रों ने खुलासा किया कि संदिग्धों ने आई20 और इकोस्पोर्ट कारों के अलावा दो और पुराने वाहन तैयार करने की योजना बनाई थी, ताकि धमाकों का असर और बड़ा किया जा सके।
यह खुलासा दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)
अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। इस टीम में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ जांचकर्ता शामिल हैं। एजेंसी का मानना है कि यह हमला जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था, जिसका नेटवर्क भारत में सक्रिय पाया गया है।
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एनआईए अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस मॉड्यूल के अन्य सदस्य भी अब भी देश में मौजूद हैं और क्या उनकी अगली योजना को समय रहते रोका जा सकता है।
