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मिग-21 के गौरवशाली मिशन: ढाका से बालाकोट तक भारत का सुपरसोनिक शौर्य

मिग-21 के गौरवशाली मिशन: ढाका से बालाकोट तक भारत का सुपरसोनिक शौर्य

मिग-21 के गौरवशाली मिशन: भारत के पहले सुपरसोनिक जेट मिग-21 ने 62 वर्षों में ढाका से बालाकोट तक युद्धों को आकार दिया। जानें इसके ऐतिहासिक मिशनों, कारगिल युद्ध में योगदान और भारतीय वायु सेना की ताकत।

शुक्रवार को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिग-21 के भारतीय सशस्त्र बलों में 62 वर्षों के गौरवशाली सेवा जीवन की सराहना की। मिग-21 ने 1965 से लेकर 2019 तक युद्ध और रणनीतिक मिशनों में भारतीय वायु सेना को अपार शक्ति दी।

1965 में मिग-21 ने अपना पहला युद्ध अनुभव प्राप्त किया। इसने पाकिस्तान के F-86 सेबर और F-104 स्टारफाइटर के खिलाफ हवाई रक्षा मिशन और लड़ाकू गश्त में भाग लिया। हालांकि कोई निर्णायक मार नहीं हुई, लेकिन इसके अभियानों ने भारतीय पायलटों को बहुमूल्य अनुभव और रणनीतिक लाभ दिया।

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1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम: मिग-21 के गौरवशाली मिशन:

1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम मिग-21 के लिए ऐतिहासिक क्षण था। 14 दिसंबर को ढाका के गवर्नर हाउस पर हमला कर भारतीय सेना को निर्णायक जीत दिलाई। चार मिग-21 ने सटीक रॉकेट दागे, जिसके बाद पाकिस्तान की 93,000 सैनिकों वाली सेना ने आत्मसमर्पण किया। इसके अलावा, तेज़गाँव हवाई क्षेत्र पर बमबारी कर पाकिस्तान के पूर्वी हवाई अड्डों को निष्क्रिय किया।

1980 के दशक में मिग-21 ने रणनीतिक भूमिकाओं में भाग लिया। श्रीलंका के शांति मिशन के दौरान हवाई कवर और टोही मिशनों के जरिए भारतीय सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की। 1985 में स्कार्दू एयरबेस की टोही के लिए कम ऊँचाई पर उड़ा, जिससे ऑपरेशन मेघदूत में महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मिली।

1999 के कारगिल युद्ध में मिग-21 ने अग्रिम पंक्ति में उड़ान भरी। 570 से अधिक स्ट्राइक मिशन और 460 वायु रक्षा गश्ती अभियान संचालित किए। युद्ध के बाद, 10 अगस्त को कच्छ के ऊपर पाकिस्तानी अटलांटिक विमान को मार गिराया, जिसे बाद में एक मज़बूत संदेश माना गया।

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2019 बालाकोट

2019 के बालाकोट हमले में भी मिग-21 बाइसन ने अपने साहस और तत्परता का प्रदर्शन किया। ऑपरेशनल बेस से उड़ान भरकर उन्होंने पाकिस्तान की जवाबी हमलों को काबू में रखा और भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान ने F-16 को निशाना बनाने का अभियान सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

मिग-21 का रिकॉर्ड एक आदर्श मशीन का नहीं, बल्कि बहादुर और रणनीतिक दृष्टि से निर्णायक विमान का है। इसके गौरवशाली मिशन भारत की हवाई शक्ति और संकल्प का प्रतीक बने हैं।

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