ऑपरेशन सिंदूर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान ने सीमा से हटाए 72 आतंकी लॉन्चपैड, 118 चौकियाँ ध्वस्त
ऑपरेशन सिंदूर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान ने सीमा से हटाए 72 आतंकी लॉन्चपैड, 118 चौकियाँ ध्वस्त
ऑपरेशन सिंदूर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का बड़ा खुलासा: बीएसएफ ने जानकारी दी है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने 72 से अधिक आतंकी लॉन्चपैड सीमा से हटाकर अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट किए हैं। साथ ही सीमा से सटे 118 चौकियाँ पूरी तरह ध्वस्त कर दी गईं। जानिए रक्षा बल का दावा, वर्तमान स्थिति और भविष्य की तैयारी।
पिछले कुछ दिनों में, ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में नया खुलासा हुआ है — पाकिस्तान रेंजर्स और पाकिस्तानी सुरक्षा तंत्र ने सीमा से 72 से अधिक आतंकवादी लॉन्चपैड हटा लिए हैं। ये जानकारी बीएसएफ ने सार्वजनिक की है।
इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बीएसएफ ने बताया कि उन्होने 118 अग्रिम चौकियों को ध्वस्त कर दिया था। इन पोस्ट्स को आतंकियों के गतिविधि केंद्र या लॉन्चपैड के रूप में उपयोग किया जा रहा था।
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जो लॉन्चपैड सीमा से हटाए गए हैं, वे अब “गहराई वाले क्षेत्रों” में शिफ्ट किए गए हैं। हालांकि, वर्तमान में सीमा के नज़दीक कोई सक्रिय प्रशिक्षण कैंप या आतंकवादी ठिकाना नहीं है, जिसके बारे में उन्हें जानकारी मिली हो।
ऑपरेशन सिंदूर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का बड़ा खुलासा: बीएसएफ की तैयारी और संदेश
बीएसएफ का कहना है कि यदि सरकार ने आदेश दिया — यानी ऑपरेशन सिंदूर 2.0 जैसी सैन्य कार्रवाई दोबारा शुरू की — तो उनकी फोर्स पूरी तरह तैयार है। अधिकारियों के अनुसार, BSF को पारंपरिक युद्धों के साथ-साथ हाइब्रिड युद्ध का भी अनुभव है, और वे दुश्मन को मंजूर से भी ज्यादा क्षति पहुंचा सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों और उनके लॉन्चपैड्स की स्थिति लगातार बदलती रहती है — ये स्थाई नहीं होते; केवल तब सक्रिय होते हैं, जब घुसपैठ या हमला करना हो। फिलहाल, BSF की पड़ताल में सीमा के पास किसी भी तरह की असामान्य हलचल नहीं देखी गई है।
इस बीच, पाकिस्तान द्वारा सैन्य और रेंजर्स कमांड को आदेश दिए जाने की ख़बरें भी सामने आ रही हैं कि वे अब पहले से अधिक सतर्क हो गए हैं। हालांकि, देश के अंदर किसी भी प्रकार की हमले की कोशिश फिलहाल रिपोर्ट नहीं हुई है।
⚠️ पाकिस्तान की रणनीति बदल गई?
विश्लेषकों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को मजबूर कर दिया है — वे अब आतंकवादियों के लॉन्चपैड्स को सीधे सीमा से नहीं बल्कि अंदरूनी व “डेप्थ” इलाकों में शिफ्ट कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि घने कोहरे, कठिन भूगोल और दूरी का फायदा उठाकर घुसपैठ या विस्फोट जैसी गतिविधियाँ आसान हों।
बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान ने स्पष्ट रूप से अपने रेंजर्स और सैन्य इकाइयों की तैनाती बदल दी है — इससे संकेत मिल रहे हैं कि वे भविष्य में घुसपैठ या अन्य तरह की आतंकवादी गतिविधियों की तैयारी कर सकते हैं।
🧭 आगे क्या हो सकता है — चुनौतियाँ और संभावनाएँ
चूंकि लॉन्चपैड्स को अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट किया गया है, इसलिए उनका पता लगाना और बढ़ती सतर्कता के वाबजूद निगरानी करना और भी मुश्किल हो गया है।
बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सीमावर्ती इलाकों में गश्त के साथ-साथ गहराई वाले “डेप्थ एरिया” की तलाशी पर ध्यान देना होगा।
अगर सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर 2.0 जारी रखने का फैसला किया, तो संभावित जवाबी कार्रवाई और सुरक्षा चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं।
आम नागरिकों को भी सीमीय सुरक्षा व नीति-निर्माण की स्थितियों से अवगत रहना चाहिए — ताकि वे अफवाहों और डर के बीच तर्कपूर्ण जानकारी पा सकें।
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ऑपरेशन सिंदूर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का बड़ा खुलासा: क्यों है यह खुलासा अहम?
ऑपरेशन सिंदूर पर यह नया खुलासा इस कारण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि आतंकवाद की रणनीति अब बदल चुकी है — सीधे सीमा से नहीं, बल्कि गहराई वाले इलाकों से हमला करने की तैयारी की जा रही है। ऐसी स्थिति में सिर्फ सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि “डेप्थ सिक्योरिटी” — अंदरूनी इलाकों की निगरानी — भी उतनी ही ज़रूरी हो जाती है।
यह खुलासा देश को यह सोचने पर मजबूर करता है कि सुरक्षात्मक रणनीतियाँ सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रह सकतीं। साथ ही, इससे नागरिकों के बीच जागरूकता और संवाद की भी ज़रूरत बढ़ जाती है कि आतंकवाद व हिंसा को कितनी सावधानी से टाला जाए।

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