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आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान का चेतावनी भरा बयान — अफगानिस्तान और भारत को दी सख्त नसीहत

आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान का चेतावनी भरा बयान — अफगानिस्तान और भारत को दी सख्त नसीहत

आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान का चेतावनी भरा बयान: हाल ही में हुए आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और भारत को कड़ी चेतावनी दी है। इस बयान ने दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ा दिया है।

पाकिस्तान में हाल ही में हुए सिलसिलेवार आतंकी हमलों के बाद राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है। इन घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और भारत दोनों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार देर रात एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि “पाकिस्तान अपने दुश्मनों की किसी भी साज़िश का जवाब देने में सक्षम है।” यह बयान उस समय आया जब बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में पिछले कुछ दिनों में कई विस्फोट और गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।

🔥 अफगानिस्तान पर गंभीर आरोप: आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान का चेतावनी भरा बयान

पाकिस्तान ने सीधे तौर पर तालिबान सरकार पर आरोप लगाया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी समूह पाकिस्तान के खिलाफ कर रहे हैं। इस्लामाबाद ने दावा किया कि हाल के हमलों में शामिल आतंकवादी टीटीपी (तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के सदस्य हैं, जो अफगान सीमा के भीतर से संचालित हो रहे हैं।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा — “हमने बार-बार अफगानिस्तान से आग्रह किया है कि वे अपनी धरती को आतंक के लिए इस्तेमाल न होने दें। यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो पाकिस्तान को जवाबी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”

इस बयान के बाद क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है। अफगानिस्तान के तालिबान प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान को “अपने आंतरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना चाहिए, न कि पड़ोसियों पर आरोप लगाना।”

⚔️ भारत पर भी आरोपों की बौछार

पाकिस्तान ने इस पूरे घटनाक्रम के बीच भारत पर भी निशाना साधा। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “भारत पाकिस्तान को अस्थिर करने की साज़िशों में लगा हुआ है।”

हालांकि भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान की “राजनीतिक विफलताओं को छिपाने की रणनीति” है।

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा — “भारत आतंकवाद का पीड़ित देश है, न कि उसका प्रायोजक। पाकिस्तान को अपनी धरती पर पनप रहे आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए।”

🌏 क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर

विश्लेषकों का मानना है कि यह बयानबाज़ी दक्षिण एशिया में कूटनीतिक तनाव को बढ़ा सकती है। अफगानिस्तान पहले से ही आर्थिक और मानवीय संकट से जूझ रहा है, जबकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी नाजुक है।

इस बीच, चीन और अमेरिका दोनों ने संयम बरतने की अपील की है। बीजिंग ने कहा कि वह पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करता है लेकिन क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों को सहयोग करना चाहिए।”

🧩 घरेलू राजनीति पर असर: आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान का चेतावनी भरा बयान

पाकिस्तान के भीतर विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि “आंतरिक खुफिया विफलताओं को छिपाने के लिए” बाहरी दुश्मनों पर दोष मढ़ा जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि पाकिस्तान को “पहले अपने अंदर के खतरों को पहचानना चाहिए, न कि बाहरी ताकतों को दोष देना।”

इस्लामाबाद, क्वेटा और पेशावर जैसे प्रमुख शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सेना और पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है।

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🕊️ निष्कर्ष: आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान का चेतावनी भरा बयान

पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत के बीच यह बयानबाज़ी आने वाले दिनों में और भी तेज हो सकती है। जहां पाकिस्तान खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है, वहीं पड़ोसी देश उसके आरोपों को राजनीतिक प्रचार करार देते हैं।

दक्षिण एशिया में शांति तभी संभव है जब सभी देश आतंकवाद के खिलाफ ईमानदारी से सहयोग करें, और आपसी अविश्वास की दीवारें तोड़ी जाएं।

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