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लाल किला आतंकी हमला: गनई को विदेशी हैंडलर से बम बनाने के 42 वीडियो मिले — NIA जांच में बड़ा खुलासा

लाल किला आतंकी हमला: गनई को विदेशी हैंडलर से बम बनाने के 42 वीडियो मिले — NIA जांच में बड़ा खुलासा

लाल किला आतंकी हमला: लाल किला आतंकी हमले की जांच में बड़ा खुलासा—NIA की कस्टडी में मौजूद मुज़म्मिल अहमद गनई को एन्क्रिप्टेड ऐप्स से बम बनाने के 42 वीडियो मिले। विदेशी हैंडलर्स की भूमिका, 2,500 kg विस्फोटक बरामद, और ब्लास्ट की योजना पर ताज़ा अपडेट पढ़ें।

लाल किला आतंकी हमला मामले में नया बड़ा खुलासा सामने आया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की जांच में पता चला है कि आरोपी मुज़म्मिल अहमद गनई, जो इस समय 10 दिनों की NIA कस्टडी में है, को एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से 42 से अधिक बम बनाने के वीडियो ट्यूटोरियल भेजे गए थे। यह जानकारी एक प्रमुख अखबार की रिपोर्ट में सामने आई है। गनई के साथ इस केस में अदील अहमद राथर, शाहीन सईद अंसारी और मुफ्ती इरफान अहमद वागे भी गिरफ्त में हैं।

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सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को विश्वास है कि ये वीडियो विदेशी हैंडलर्स ने भेजे थे, जिनकी भूमिका दिल्ली टेरर अटैक में संदिग्ध मानी जा रही है। यह स्टाइल भारत में हाल ही में सामने आए DIY-स्टाइल IED ब्लास्ट्स से मिलता-जुलता है। बताया जा रहा है कि गनई, 36 वर्षीय उमर नबी का करीबी सहयोगी है, जो हमले के दौरान “धीमी गति से चलने वाली” i20 कार चला रहा था।

🔍 एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर बम बनाने के 42 वीडियो

रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकी हमले से जुड़े तीन प्रमुख हैंडलर्स की पहचान “हंजुल्लाह”, “निसार” और “उकासा” नामों से की गई है। माना जा रहा है कि ये कोड नेम हो सकते हैं।
इसी “हंजुल्लाह” ने गनई को बम बनाने के 42 वीडियो भेजे। अनुमान है कि 35 वर्षीय यह शख्स विस्फोटकों के स्टोरेज साइट को सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार था, जिसका उपयोग आगे व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल द्वारा किया गया।

राष्ट्रीय राजधानी पर हमले से ठीक 10 दिन पहले, गनई को गिरफ्तार किया गया था। उसके ठिकानों से 2,500 kg से अधिक विस्फोटक सामग्री, जिसमें 350 kg अमोनियम नाइट्रेट शामिल था, बरामद किया गया।

🌍 विदेशी हैंडलर्स की भूमिका: लाल किला आतंकी हमला

जांच में रुचि का प्रमुख नाम मोहम्मद शाहिद फैसल है, जो “कर्नल”, “लैपटॉप भाई” और “भाई” जैसे नामों से काम करता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2020 से उसने कर्नाटक और तमिलनाडु में टेरर मॉड्यूल के साथ मिलकर बम धमाकों की योजना बनाई थी।

फैसल रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में भी वांछित है और लापता होने से पहले लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े युवा इंजीनियरों और प्रोफेशनल्स को सक्रिय किया था। माना जाता है कि वह पाकिस्तान भागकर सीरिया-तुर्की सीमा तक पहुँचा।

दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली आतंकी हमले के हैंडलर्स में से एक “उकासा” भी टर्की में रह रहा था।

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💥 दिल्ली टेरर अटैक — क्या हुआ था?

10 नवंबर को लाल किला क्षेत्र के पास हुए भयानक ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। घटना के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की और जांच आगे बढ़ने पर दूसरी FIR क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी की धाराओं के तहत दर्ज की गई।

जांच में सामने आया कि आठ संदिग्धों ने मिलकर चार अलग-अलग जगहों पर एक साथ बम धमाके करने की योजना बनाई थी। प्रत्येक जोड़ी को एक टारगेट शहर सौंपा गया था और उनके पास कई IEDs थे।

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