संसद का शीतकालीन सत्र जारी: वंदे मातरम् और सुरक्षा मुद्दों पर सरकार–विपक्ष की तीखी बहस
संसद का शीतकालीन सत्र जारी: वंदे मातरम् और सुरक्षा मुद्दों पर सरकार–विपक्ष की तीखी बहस
संसद का शीतकालीन सत्र आज फिर बहसों से गरमाया। वंदे मातरम्, सुरक्षा और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी।
संसद का शीतकालीन सत्र जारी: वंदे मातरम् और सुरक्षा मुद्दों पर सरकार–विपक्ष की तीखी बहस
देश की राजधानी दिल्ली में जारी संसद का शीतकालीन सत्र आज फिर कई तीखी बहसों और राजनीतिक टकरावों का साक्षी बना। सत्र की शुरुआत से ही सरकार और विपक्ष के बीच पुरानी रार नए मुद्दों के साथ सामने आई। आज सदन में खास तौर पर ‘वंदे मातरम्’ के पाठ’ और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर तल्खी देखने को मिली। दोनों सदनों में बहस इतनी गर्म रही कि कई बार स्पीकर को बीच-बचाव करना पड़ा।
शीतकालीन सत्र आम तौर पर उन विधेयकों और नीतियों पर केंद्रित होता है जिन्हें वर्ष के आखिरी चरण में पारित कराना सरकार के लिये आवश्यक माना जाता है। इसी क्रम में आज भी कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हुई, हालांकि बहस का स्वर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में बदलता रहा।
संसद का शीतकालीन सत्र जारी: वंदे मातरम् को लेकर सियासी टकराव
आज की कार्यवाही का सबसे प्रमुख हिस्सा रहा—वंदे मातरम् विवाद। सदन में आम सहमति नहीं बन सकी और विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह देशभक्ति को राजनीतिक रूप देने की कोशिश कर रही है। विपक्षी दलों ने कहा कि राष्ट्रीय गीत का सम्मान सब करते हैं, लेकिन इसे राजनीतिक हथियार बनाकर पेश करना उचित नहीं है।
वहीं, सरकार का कहना था कि राष्ट्रीय सम्मान के मुद्दों पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और विपक्ष केवल ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के सांसदों ने लंबी बहस की और सोशल मीडिया पर भी यह विषय मजबूत ट्रेंड करता रहा।
सुरक्षा मुद्दों पर तीखी नोकझोंक
इसके बाद चर्चा का केंद्र बना राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय। सरकार ने आतंकवाद और सीमा सुरक्षा से जुड़े नवीनतम कदमों को सदन में प्रस्तुत किया। गृह मंत्रालय के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों को अंजाम दिया है, जिनमें देश में घुसपैठ की कोशिशें नाकाम हुईं।
हालाँकि, विपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि देश के कई हिस्सों में सुरक्षा चूक क्यों सामने आती रहती हैं। विपक्षी नेताओं ने हाल ही में हुई सुरक्षा घटनाओं का हवाला देते हुए सरकार की तैयारियों पर प्रश्न उठाए। इस पर सत्ता पक्ष ने पलटवार किया कि सुरक्षा उपकरणों और एजेंसियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं और विपक्ष तथ्यों को अनदेखा कर रहा है।
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विधेयकों पर चर्चा चलती रही
उपरोक्त बहसों के बीच विविध विषयों पर कई विधेयक भी प्रस्तुत किये गये। इनमें आर्थिक सुधार, कृषि संबंधित संशोधन और सामाजिक न्याय को मजबूत करने वाले प्रस्ताव शामिल थे। आज सदन में पेश किये गये कुछ विधेयक अगले सप्ताह वोटिंग के लिये आने की संभावना है।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार विपक्ष के साथ सभी मुद्दों पर संवाद के लिये तैयार है, बशर्ते बहस तथ्यों और मर्यादाओं के साथ आगे बढ़े।
संसद का शीतकालीन सत्र जारी: सत्र में अगले दिनों की संभावनाएँ
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में शीतकालीन सत्र और अधिक गरमा सकता है, क्योंकि कई प्रमुख विधेयक लंबित हैं और विपक्ष अपनी रणनीति को और आक्रामक बनाने की तैयारी में है। वहीं, सरकार किसी भी कीमत पर इस सत्र में प्रमुख सुधारों को पारित कराने के पक्ष में दिख रही है।
देश के नागरिकों और मीडिया की नज़र पूरी तरह संसद की कार्यवाही पर टिकी हुई है। आज की घटनाओं को देखते हुए यह साफ है कि इस शीतकालीन सत्र के आगे भी कई तीखी बहसें और महत्वपूर्ण निर्णय देखने को मिलेंगे।

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