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दीपोत्सव की झलक दिखाती यूपी की झांकी ने कर्तव्य पथ पर फैलाई रामायण की आभा

दीपोत्सव की झलक दिखाती यूपी की झांकी ने कर्तव्य पथ पर फैलाई रामायण की आभा।

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में 2017 से अयोध्या में मनाए जा रहे राज्य के तीन दिवसीय ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम को दर्शाने वाली उत्तर प्रदेश की झांकी ने आयोजन के दौरान सभी का ध्यान आकर्षित किया।

झांकी में दीपोत्सव की झलक दिखाई गई, जो रावण को मारने के बाद सीता और लक्ष्मण के साथ राम की वापसी का प्रतीक है।

कर्तव्य पथ पर रथ पर विराजमान राम-सीता और चारों ओर खड़े रामायण के अन्य पात्रों की मूर्तियों के साथ उत्तर प्रदेश की खूबसूरती से सजी झांकी दिखाई दी। झांकी में इन खूबसूरत मूर्तियों के अलावा मिट्टी के दीये भी जड़े हुए थे।

अयोध्या का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

इसने 2017 से अयोध्या जिले में आयोजित किए जा रहे दीपोत्सव की भव्यता को प्रदर्शित किया।

यह आयोजन आमतौर पर दिवाली के आसपास बड़े पैमाने पर प्रकाश व्यवस्था, सरयू आरती, सुंदर सजावट और सरयू नदी के तट पर मिट्टी के दीयों की रोशनी और प्रमुख मंदिरों के साथ मनाया जाता है।

2017 में यूपी ने दीपोत्सव के दौरान अयोध्या में राम की पैड़ी पर 1.71 लाख दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और 2022 में फिर से 15 लाख से ज्यादा दीप जलाकर रिकॉर्ड बनाया।

साल दर साल अयोध्या का दीपोत्सव रिकॉर्ड बना रहा है और व्यापक दुनिया तक अपनी पहुंच बना रहा है।

यह अनूठी परंपरा नकारात्मकता और शत्रुता को खत्म कर ‘रामराज्य’ के तहत एक सामंजस्यपूर्ण समाज के संदेश के साथ पूरी दुनिया और पूरी मानव जाति तक पहुंचने का एक पवित्र और दिव्य प्रयास है।

आज अयोध्या अपने प्राचीन वैभव को पुनः प्राप्त करती दिख रही है और दीपोत्सव के माध्यम से अवधपुरी रामायण काल की आभा से भर गई है।

इसलिए भारत की अनूठी सनातन परंपरा के इस अद्भुत आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश का हर श्रद्धालु वैभव का साक्षी बनने के लिए उत्सुकता से अयोध्या आता है।

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