धर्मेन्द्र देओल निधन: हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ ने कहा अलविदा – एक युग का अंत
धर्मेन्द्र देओल निधन: हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ ने कहा अलविदा – एक युग का अंत
अभिनेता धर्मेन्द्र देओल का 24 नवंबर 2025 को निधन हो गया। 60 वर्ष से अधिक की पारी में 300+ फिल्मों से सजे उनके करियर और स्टारडम को आज बॉलीवुड, राजनीति और जनता में गहरा असर मिला है। हिंदी सिनेमा की पटरी पर जब कभी ‘ही-मैन’ शब्द सुनाई देता था, तो सबसे पहला नाम उभरता था अभिनेता धर्मेन्द्र देओल का। उनका जाना सिर्फ एक अभिनेता के जीवन की समाप्ति नहीं बल्कि हिंदी फिल्मों के एक पूरे युग का अंत माना जा रहा है।
२४ नवंबर २०२५ की सुबह मुम्बई स्थित अपने आवास पर ८९ वर्ष की आयु में धर्मेन्द्र देओल ने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही फिल्म-संसार, आम जनता और सोशल मीडिया पर गहरी शोक लहर दौड़ गई। भारत के प्रधानमंत्री ने इसे “एक युग का अंत” बताया।
शुरुआत से-करियर तक
पंजाब के एक छोटे गाँव से आए धर्मेन्द्र के फिल्मी सफर की शुरुआत 1960 के दशक में हुई।
उन्होंने एक ऐसे दौर में प्रवेश किया जब हीरो का रूप बेहद सशक्त था—लेकिन धर्मेन्द्र ने उसमें न सिर्फ पावर दिखाया बल्कि अपनी मुस्कान, सहजता और विविध भूमिकाओं से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली। उनकी हिट फिल्मों में शोले (1975) का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसने उन्हें पहचान दिलाई।
उनका करियर करीब छह दशक लम्बा रहा, जिसमें उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। इस दौरान उन्होंने एक्शन, रोमांस, कॉमेडी—तीनों में अपना रंग दिखाया।
धर्मेन्द्र देओल निधन: पहचान और निजी जीवन
धर्मेन्द्र को सिर्फ अभिनेताओं में नहीं, बल्कि एक ब्रांड के रूप में देखा गया—‘ही-मैन’ की पहचान। साथ ही उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और 2004-09 तक सांसद रह चुके हैं। उनके निजी जीवन की कहानियाँ भी चर्चित रहीं; फिल्मों में उनकी ऑन-स्क्रीन जोड़ी हेमा मालिनी के साथ और off-screen घटनाओं ने भी मीडिया में जगह बनाई।
अंतिम समय एवं निधन
हाल के महीनों में धर्मेन्द्र की सेहत चिंता का विषय बनी हुई थी। अक्टूबर के अंत में उन्हें मुम्बई के Breach Candy Hospital में सांस लेने में परेशानी के कारण भर्ती कराया गया था।
इसके बाद वह घर लौटे लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। 24 नवंबर को सुबह उन्होंने हम सबको पीछे छोड़ दिया। उनके अंत्येष्टि क्रियाकलाप मुंबई के पवन हंश क्री.मेटोरियम में की गई, जहाँ फिल्म-संसार के कई दिग्गज उपस्थित थे।
धर्मेन्द्र देओल निधन: प्रतिक्रिया और विरासत
उनके निधन पर बॉलीवुड के महान कलाकारों सहित बड़ी संख्या में अभिनेताओं, निर्माता-निर्देशकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अमिताभ बच्चन ने लिखा: “Another valiant Giant has left us…”
युवा अभिनेताओं-प्रस्तुतियों ने ब्लॉग-सोशल मीडिया पर कहा – “कभी दूसरा धर्मेन्द्र नहीं होगा।”
धर्मेन्द्र की फिल्मों ने सिर्फ मनोरंजन नहीं दिया बल्कि उस दौर के सामाजिक, राजनैतिक संवेदनाओं को भी छुआ। उनके किरदारों ने आम-वर्ग की भावनाओं से जुड़ाव बनाया। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तो उनकी फिल्में और यादें हमें याद दिलाती हैं कि एक सच्चा हीरो सिर्फ धूप-छाँव में खिलने वाला नाम नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में स्थायी जगह बना लेता है।
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निष्कर्ष
जब कोई महान कलाकार छोड़कर जाए, तो खाली जगह हमेशा बनी रहती है — पर विरासत भी पीछे छूट जाती है। धर्मेन्द्र देओल ने हिंदी सिनेमा में जिस तरह अपनी छाप छोड़ी है, उसे आने वाली कई पीढ़ियाँ याद रखेंगी। उनके किरदारों की तरह, उनका व्यक्तित्व भी सरल, दृढ़ और विश्वसनीय था। आज हम उन्हें याद करते हैं, उनके योगदान को सलाम करते हैं और यह मानते हैं कि ‘ही-मैन’ का सफर चाहे खत्म हुआ हो, उनका असर सदैव जीवित रहेगा।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस क्षण में धैर्य प्रदान करे।
— ओम शांति।
