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प्राणिक शक्ति और भोजन का महत्व: स्वस्थ जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण नियम

प्राणिक शक्ति और भोजन का महत्व: स्वस्थ जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण नियम

जानिए प्राणिक शक्ति और भोजन के महत्व को, और कैसे सही समय पर आहार लेने से आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्वस्थ जीवनशैली के लिए इन सरल नियमों का पालन करें और देखें अद्भुत परिणाम।

अब तक आपने अपनी जीवन शैली में जो भी बदलाव किया होंगे जिन नियमों का पालन किया होगा, उन सभी में जो आज का हमारा यह नियम है वह अग्रणी रहने वाला है। यह आपको बहुत अधिक लाभ देगा। यह नियम कोई कठिन नहीं पड़ेगा, आप सरलता से इसका पालन कर सकेंगे और कैसे इसको सरल बनाना है, वह भी हम आपके साथ साझा करेंगे।

कैसे इस नियम से पूर्ण लाभ लेने हैं, वह भी हम आपके साथ साझा करेंगे। और क्या प्रभाव आपके शरीर के अंदर होते हैं इस एक नियम से। इसको अगर आपने समझ लिया तो निश्चित रूप से आप इसका पालन भी करेंगे और पूर्ण लाभ भी ले सकेंगे।

प्राणिक शक्ति और भोजन: प्राणिक शक्ति क्या है?

हमारी एक प्राणिक शक्ति होती है जो हमारे कार्यों को संपादित करती है। जैसे की जब हम भोजन करते हैं, तो वह प्राणिक शक्ति हमारे भोजन का पाचन करने में लग जाती है। जब हम कोई दिमागी कार्य कर रहे होते हैं, तो उस समय पर वह प्राणिक शक्ति उस दिमागी कार्य को ठीक प्रकार से संचालित करने में लग जाती है।

जब हम दौड़ रहे होते हैं, तो वह दौड़ने में प्राणिक शक्ति लग जाती है। प्राणिक शक्ति हमारे शरीर के हर एक कार्य को संपादित करती है। यह हमारे योगियों और ऋषियों ने सिद्धांत दिए हैं।

प्राणिक शक्ति एक समय में एक कार्य करती है

लेकिन यहां पर एक बात समझने वाली है कि यह प्राणिक शक्ति एक समय में एक कार्य करती है। हमने पहले भी आपके साथ साझा किया है कि अगर आप भोजन करते हैं और भोजन करने के बाद कुछ गहरी सोच में पड़ जाते हैं, तो आपके पाचन पर प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि जो प्राणिक शक्ति पूरी तरह से आपके पाचन पर लगती थी, अब आपने उसे बांट दिया है।

अगर आप भोजन करने के बाद कोई शारीरिक परिश्रम करना शुरू कर देते हैं या फिर बहुत तेज वॉक करना शुरू कर देते हैं, तो यह ठीक नहीं है। क्योंकि प्राणिक शक्ति जो पूरी तरह से पाचन पर लगती थी, अब वॉक करने में व्यय हो जाती है। इसलिए हल्का चलना ही उचित माना जाता है।

प्राणिक शक्ति और भोजन: रात्रि में भोजन करने के प्रभाव

जब आप रात्रि में भोजन करते हैं, तो तीन प्रभाव पढ़ने हैं। इन तीन प्रभावों को आप सजगता से समझ लें।

पहला प्रभाव: जठराग्नि का कम होना

पहला प्रभाव यह होता है कि आपकी जो जठराग्नि है, वह सूर्य के साथ कम होती है। जैसे-जैसे सूर्य उदय होता है, आपकी पाचन अग्नि बढ़नी शुरू हो जाती है। दोपहर में यह और बढ़ जाती है और संध्याकाल में यह थोड़ी मंद हो जाती है। इसलिए कहा जाता है कि संध्या काल में हल्का भोजन करें।

दूसरा प्रभाव: प्राणशक्ति का हीलिंग में लगना

दूसरे स्थान पर, रात्रि के समय में आपकी प्राणशक्ति हीलिंग में लगती है। यानी की शरीर में जो टूट-फूट होती है, उसे रिपेयर करने में वह प्राणिक शक्ति लगती है। लेकिन अगर आपने भोजन किया और सो गए, तो प्राणिक शक्ति पूरी रात पाचन में लगी रहेगी और हीलिंग का कार्य नहीं हो पाएगा।

तीसरा प्रभाव: गहरी नींद का अभाव

तीसरी स्थिति में, अगर आपने भोजन किया और सो गए, तो आपका दिमाग कहता है कि मुझे नींद चाहिए, लेकिन आपका पाचन तंत्र सक्रिय रहता है। इस स्थिति में गहरी नींद नहीं हो पाती है, जिससे शरीर को आराम नहीं मिल पाता है।

प्राणिक शक्ति और भोजन: आहार समय का महत्व

आपको 7:00 बजे से पहले अपना आहार ले लेना है। अगर आप 7:00 बजे से पहले भोजन कर लेते हैं और उसके बाद सोने जाते हैं, तो आपके पास लगभग 3 घंटे का समय होता है। इस समय में आपका भोजन पचने लगता है और आपके शरीर की प्राणशक्ति रिपेयरिंग और हीलिंग के कार्य में लग जाती है।

अगर आप शाम को 7:00 बजे भोजन कर लेते हैं और अगले दिन 11:00 बजे भोजन करते हैं, तो आपके शरीर के पास 16 घंटे होते हैं जिसमें वह भोजन का पाचन करता है और फिर रिपेयरिंग का कार्य करता है।

16 घंटे का उपवास

इस प्रकार से जब आप अपने शरीर को आराम देते हैं, पाचन तंत्र को रिलैक्स होने देते हैं और प्राण शक्ति को अपना कार्य करने देते हैं, तो यह प्राण शक्ति पूरे शरीर को प्रभावित करती है। यह पूरे सिस्टम को क्लीन करती है और आपके सिस्टम को बदल देती है।

स्वास्थ्य लाभ

अगर आप यह नियम 15-20 दिन अपनाते हैं, तो आपको इसके लाभ अनुभव होने शुरू हो जाएंगे। अगर आपको कोई क्रॉनिक डिजीज है, तो वह ठीक होने शुरू हो जाएगी। आपकी त्वचा ग्लोइंग हो जाएगी, बाल गिरने कम हो जाएंगे, और आपको मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार महसूस होगा।

आहार के बीच भूख लगने पर क्या करें?

अगर आपको रात को भूख लगती है, तो आप नारियल पानी का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपकी डिटॉक्स प्रणाली में कोई बाधा नहीं बनेगा। साथ ही, सोने से पहले त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें, जिससे आपकी डिटॉक्स प्रणाली और बेहतर हो जाएगी।

प्राणिक शक्ति और भोजन: निष्कर्ष

अगर आपने यहां तक मार्गदर्शन देखा है और आपको यह उपयोगी लगा है, तो इन नियमों को अपने जीवन में जरूर धारण करें। यह निश्चित है कि आपको अच्छे लाभ देंगे। आप इस मार्गदर्शन को अन्य व्यक्तियों तक भी साझा करें, जिससे वे भी लाभान्वित हो सकें।

अगर आपके कोई प्रश्न हैं, तो वह भी आप कमेंट्स के माध्यम से हमारे साथ साझा करें। भविष्य में आपकी जिज्ञासाओं और प्रश्नों के आधार पर अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन होता रहेगा।

सभी के लिए प्रार्थना, सभी के लिए मंगल कामना। आज के लिए इतना ही। ओम नमः शिवाय।

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और यह चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सलाह लें। इस लेख में दी गई जानकारी का पालन करने से पहले किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें। लेख में व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत अनुभव और ज्ञान पर आधारित हैं।

 

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